नहीं रहे, गुज़रे ज़माने के आख़िरी संगीतकार एस मोहिंदर  

आज़ादी से पहले लाहौर रेडियो पर गाने से अपने संगीत करियर की शुरुआत करनेवाले एस मोहिन्दर का 95 साल की उम्र में आज सुबह मुम्बई में देहांत हो गया। 
‘गुज़रा हुआ ज़माना आता नहीं दुबारा’ (शीरीं फ़रहाद 1956) गीत के संगीतकार बख्शी मोहिन्दर सिंह सरना गुज़रे दौर के अकेले जीवित संगीतकार थे ।

Music Director: S. Mohinder | Lyricist: Tanveer Naqvi | Singer : Lata Mangeshkar | Film: Shirin Farhad Released in 1956

1948 से 1968 के बीच उन बीस बरसों में एस मोहिन्दर ने उस दौर के सभी दिग्गज संगीतकारों के बीच अपनी ख़ास जगह बनाए रखी। एस मोहिन्दर के संगीत निर्देशन में उस दौर के जिन गायको ने गाया उनमें प्रमुख हैं – अमीर बाई कर्नाटकी, तलत महमूद, सुरैया, जीएम दुर्रानी, गीता दत्त, हेमन्त कुमार, मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, आशा भोसले और मुकेश। 1969 में उन्हें फिल्म ‘नानक नाम जहाज़ है’ के संगीत के लिए नेशनल फिल्म अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 

सभी तस्वीरें ओशिवाड़ा, मुम्बई में एस मोहिंदर के उस घर की हैं जहां हमने 10 फरवरी 2016 को उनके साथ लम्बी ‘गुफ़्तगू’ रिकॉर्ड की  

एस मोहिन्दर ने अपने सक्रिय फिल्म करियर के आख़िरी बरसों में फिल्म निर्माण में भी हाथ आज़माया लेकिन जल्द ही इससे हाथ खींच लिया और क़रीब 40 साल पहले अपने भाइयों के साथ अमरीका जाकर बस गए।

Irfan with S.Mohinder | Oshiwara, Mumbai | 10 Feb 2016

फ़िल्मी दुनिया को अलविदा कहने के बाद एस मोहिन्दर अमरीका में भले ही अपने संगीत की हलचलें बचाए रख पाए हों लेकिन यहां भारत में उनके चाहने वालों के लिए उनके संगीत का ज़माना सचमुच एक गुज़रा हुआ ज़माना हो चुका है जो आता नहीं दुबारा।

एस मोहिंदर को आख़िरी सलाम। 

Guftagoo with S. Mohinder | Recorded on 10th of Feb 2016 | Mumbai
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