18 साल की उम्र तक तुतलाते थे सत्यदेव दुबे 

अपनी विशिष्ट संवाद अदायगी और स्वर नियंत्रण के लिए अनुकरणीय नाटककार, अभिनेता और निर्देशक सत्यदेव दुबे ने खुद बताया कि वे 17-18 साल की उम्र तक तुतलाते थे। उनकी यह महत्वाकांक्षा बन चुकी थी कि एक दिन वे इस दोहे को ठीक से बोल सकेंगे – लाली मेरे लाल की जित देखूँ तित लाल  लाली देखन मैं गयी […]